हजारीबाग में सुवर्णप्राशन अभियान के तहत नन्हें बच्चों को दी गई प्रथम खुराक


सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, मालवीय मार्ग, हजारीबाग में विद्या भारती के तत्वाधान में आयोजित सुवर्णप्राशन अभियान के तहत आज दिनांक - 10 मार्च 2025,दिन - सोमवार को स्थानीय  सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, मालवीय मार्ग परिवार द्वारा वाटिका प्रभारी नूपुर दीदी व  सहयोगी कमला दीदी जी के निर्देशन में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच सभी दीदी जी ने शिशु वाटिका के 30 नन्हें - मुन्ने भैया/बहनों को विद्यालय के विशाल सभागार में सुबह 10 से 11 बजे तक बच्चों के स्मरण शक्ति,पाचन शक्ति,शारीरिक शक्ति,व्याधि क्षमत्व और प्रतिरोधक क्षमता विकास के लिए बच्चों को सुवर्णप्राशन की प्रथम खुराक दी गई। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन, भारत माता पूजन एवं भगवान धन्वंतरि के छायाचित्र पर पुष्पार्चन के साथ हुआ ।   विषय प्रवेश करते हुए विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य मनोज कुमार पांडे ने कहा कि शिशु के समग्र विकास के लिए उसके  स्वस्थ तन का विचार सबसे पहले करना होगा क्योंकि स्वस्थ तन में ही स्वस्थ मन और बुद्धि रहते हैं। शिशु को स्वस्थ रखने के लिए उसको  प्रति माह पुष्य नक्षत्र के दिन सुवर्णप्राशन  पिलाने की योजना है। आगे उन्होंने कहा कि  सुवर्णप्राशन दो शब्दों के जोड़ से बना है सुवर्ण अर्थात सोना और  प्राशन अर्थात चटाना या पिलाना । सुवर्णप्राशन में सुवर्ण ,वचा, शंखपुष्पी, ब्राह्मी ,शहद और अष्टमंडल घृत से बना है । यह सुवर्ण प्राशन हमारे देश का भारतीय टीकाकरण है। हजारों वर्ष पूर्व हमारे पूर्वज इसका सेवन अपने बच्चों के विकास के लिए करते थे । सुवर्ण प्राशन कल्याणकारी एवं मंगलमय प्रशान है । इससे शिशु का समग्र विकास होता है।गौरतलब है कि अगली खुराक आगामी माह छह अप्रैल को पुष्य नक्षत्र में मंत्रोच्चारण के बीच में दी जाएगी। कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के सभी आचार्य बंधु - भगिनी ने अपनी सक्रिय भूमिका का निर्वहन किया।