झारखंड में कला के संरक्षण की अनूठी पहल, हजारीबाग में दस दिवसीय सोहराई चित्रकला कार्यशाला का समापन


कला के माध्यम से युवाओं में रचनात्मक अभिव्यक्ति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पर्यटन कला संस्कृति निदेशालय झारखंड सरकार के सौजन्य एवं तरंग ग्रुप हजारीबाग द्वारा दस दिवसीय सोहराई चित्रकला कार्यशाला का आयोजन किया गया । जिसे सोहराय उत्सव के रूप में समापन समारोह बीते 7 मार्च को मनाया गया था। कार्यशाला में शामिल प्रतिभागियों को आज साईं बैंक्वेट हॉल में जिला खेल पदाधिकारी कैलाश राम एवं जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी रोहित कुमार ने संयुक्त रूप से प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। उत्सव में  लगे सोहराई पेंटिंग्स की प्रदर्शनी को देखकर रोहित कुमार ने कहा कि तरंग ग्रुप द्वारा लोकल कला को आमजन तक पहुंचने का बहुत ही अच्छा प्रयास है। इस तरह का मंच युवा दिमागों को कलात्मक कल्पना और अभिव्यक्ति के लिए एक खुला द्वार प्रदान करता है।
 जिला खेल पदाधिकारी कैलाश राम ने बताया कि यह पहल किसी प्रतियोगिता से कहीं बढ़कर है, यह आपकी कलात्मक क्षमता को साकार करने का एक प्रवेश द्वार है। "यह मंच बच्चों को उनके मन और आत्मा की अनंत क्षमता को पुनः प्राप्त करने में सक्षम बनाता है, जिसे वे कला के माध्यम से व्यक्त करते हैं। दिनांक 25 फरवरी से शुरू हुए इस कार्यशाला से लगभग 80 युवक एवं युवतियों ने प्रशिक्षण लिया। संस्था के निदेशक अमित कुमार गुप्ता ने बताया कि हम अपनी सोहराई एवं कोहबर लोक चित्रकला को और बढ़ाना चाहते है खास तौर पर राज्य के ग्रामीण क्षेत्र के वंचित कलाकारों तक। मुझे हमेशा से लगता था कि कला और विज्ञान मिलकर एक इंसान को पूरा करते हैं।आज के इस समारोह में मुख्य अतिथियों के साथ समाजसेवी डॉक्टर भैया असीम , निसार खान के साथ मनोज पुरी के साथ  शशिकांत,अगस्त्य कुमार ,अमित कुशवाहा और इंद्रजीत भारती शामिल थे।