हजारीबाग के आरोग्यम अस्पताल ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि अगर नीयत साफ हो और तकनीक आधुनिक, तो चमत्कार भी संभव है। चतरा जिले की 23 वर्षीय साहिब परवीन, जो जन्म से विकलांग हैं, उनकी गॉल ब्लैडर की पथरी की बेहद जटिल सर्जरी आरोग्यम अस्पताल में सफलतापूर्वक की गई।
साहिब परवीन को लंबे समय से पेट दर्द, उल्टी, अपच और असहजता की शिकायत थी। इलाज की तलाश में जब वे आरोग्यम अस्पताल पहुंचीं, तो अस्पताल की विशेषज्ञ टीम ने चुनौती को स्वीकार किया। डॉक्टर बी. एन. प्रसाद और डॉक्टर मनीष कुमार की अगुवाई में यह ऑपरेशन आधुनिक तकनीक से किया गया।
सबसे बड़ी बात यह थी कि साहिब परवीन की शारीरिक स्थिति काफी जटिल थी — उनके दोनों हाथ छोटे थे, शरीर असामान्य रूप से विकसित था, स्किन डिजीज के कारण पूरे शरीर में सूजन थी और एक फेफड़ा भी सही से काम नहीं कर रहा था। इसके बावजूद डॉक्टरों ने बिना किसी जटिलता के ऑपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा किया।
सर्जरी के बाद साहिब परवीन को दो दिनों तक विशेष निगरानी में रखा गया और शुक्रवार को उन्हें स्वस्थ घोषित कर डिस्चार्ज कर दिया गया। वे अपने पैरों पर चलकर घर गईं, जो अपने आप में इस ऑपरेशन की सफलता का सबसे बड़ा प्रमाण है।
अस्पताल के निर्देशक हर्ष अजमेरा ने इस उपलब्धि पर गर्व जताते हुए कहा कि यह सिर्फ एक ऑपरेशन नहीं था, बल्कि एक जीवन को फिर से जीने का मौका देने जैसा था। डॉक्टर बी. एन. प्रसाद ने बताया कि इस तरह की शारीरिक जटिलताओं में सर्जरी करना बेहद कठिन होता है, लेकिन हमारी टीम की तैयारी और समर्पण ने इसे संभव बनाया। डॉक्टर मनीष कुमार ने भी एनेस्थीसिया की प्रक्रिया को सावधानी से पूरा किया, जिससे मरीज की जान बचाई जा सकी।
आरोग्यम अस्पताल की टीम ने यह फिर साबित कर दिया है कि उनके लिए कोई भी चुनौती असंभव नहीं। अस्पताल का यही उद्देश्य है — हर मरीज को सुरक्षित, किफायती और प्रभावी चिकित्सा सेवा देना।