हजारीबाग के कुम्हार टोली निवासी सुमित चंद्र शाह ने अपने पारिवारिक ज़मीन विवाद को लेकर प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि यह ज़मीन उनके दादा-दादी, स्वर्गीय पार्वती देवी और दुर्गेश्वर सहाय के नाम पर थी, जिसका खाता नंबर 63 और प्लॉट नंबर 263 है। इस ज़मीन पर करीब 20 डिसमिल क्षेत्र को लेकर वे 2016 से लगातार परेशान किए जा रहे हैं।
सुमित चंद्र शाह के अनुसार, यह खरीदी गई पुश्तैनी ज़मीन है, जो उनके दादा-दादी के नाम से दर्ज है। लेकिन जब वे किसी काम से बाहर गए हुए थे, तो कैलाश कुमार हरी नामक व्यक्ति ने जबरन गेट और दीवार लगाकर ताला जड़ दिया।
इस मामले को लेकर उन्होंने 2016 और 2021 में भी प्रशासन से शिकायत दर्ज कराई थी। उनके मुताबिक, जब यह विवादित निर्माण कार्य चल रहा था, तभी उन्होंने पुलिस प्रशासन को इसकी जानकारी दी थी, जिसके बाद काम को रोक दिया गया। हालांकि, इसके अगले ही दिन वे बाहर चले गए, और उनके अनुसार, इस दौरान कुछ लोगों ने फिर से अवैध कब्जे का प्रयास किया।
सुमित शाह ने यह भी कहा कि यह क्षेत्र “पार्वती कॉलोनी” के रूप में जाना जाता है, जो उनकी दादी पार्वती देवी के नाम पर बसी हुई है। उन्होंने यह आरोप लगाया कि कुछ दलालों और भूमाफियाओं के कारण उन्हें इस ज़मीन को लेकर परेशान किया जा रहा है।
उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि उन्हें इस ज़मीन विवाद से हमेशा के लिए राहत दिलाई जाए। साथ ही, वे अपनी मालिकाना हक से जुड़े दस्तावेज पेश करने के लिए भी तैयार हैं।
सुमित चंद्र शाह के अनुसार, यह खरीदी गई पुश्तैनी ज़मीन है, जो उनके दादा-दादी के नाम से दर्ज है। लेकिन जब वे किसी काम से बाहर गए हुए थे, तो कैलाश कुमार हरी नामक व्यक्ति ने जबरन गेट और दीवार लगाकर ताला जड़ दिया।
इस मामले को लेकर उन्होंने 2016 और 2021 में भी प्रशासन से शिकायत दर्ज कराई थी। उनके मुताबिक, जब यह विवादित निर्माण कार्य चल रहा था, तभी उन्होंने पुलिस प्रशासन को इसकी जानकारी दी थी, जिसके बाद काम को रोक दिया गया। हालांकि, इसके अगले ही दिन वे बाहर चले गए, और उनके अनुसार, इस दौरान कुछ लोगों ने फिर से अवैध कब्जे का प्रयास किया।
सुमित शाह ने यह भी कहा कि यह क्षेत्र “पार्वती कॉलोनी” के रूप में जाना जाता है, जो उनकी दादी पार्वती देवी के नाम पर बसी हुई है। उन्होंने यह आरोप लगाया कि कुछ दलालों और भूमाफियाओं के कारण उन्हें इस ज़मीन को लेकर परेशान किया जा रहा है।
उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि उन्हें इस ज़मीन विवाद से हमेशा के लिए राहत दिलाई जाए। साथ ही, वे अपनी मालिकाना हक से जुड़े दस्तावेज पेश करने के लिए भी तैयार हैं।
प्रशासन से मांग:
1. भूमि संबंधी दस्तावेजों की जांच कर निष्पक्ष निर्णय लिया जाए।
2. अवैध कब्जे की कोशिशों पर कड़ी कार्रवाई हो।
3. परिवार को इस विवाद से स्थायी राहत दिलाई जाए।
अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है।