हजारीबाग कॉलेज ऑफ डेंटल साइंसेज एंड हॉस्पिटल में सोमवार को ओरल पैथोलॉजी विभाग द्वारा ‘नेशनल ओरल पैथोलॉजी डे’ के अवसर पर रंगोली कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मुंह के रोगों की शीघ्र जांच एवं उपचार के प्रति जागरूकता बढ़ाना था।
कार्यक्रम का उद्घाटन कॉलेज के सचिव डॉ. प्रवीण श्रीनिवास ने दीप प्रज्ज्वलित कर और केक काटकर किया। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने रंगोली प्रतियोगिता में भाग लिया और एक से बढ़कर एक रंगोली बनाकर मौखिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का संदेश दिया।
कार्यक्रम के दौरान चिकित्सकों ने मुंह के रोगों, उनके कारणों और रोकथाम के उपायों पर विस्तार से चर्चा की। डॉ. एच.एम. ढोलकिया की जयंती के उपलक्ष्य में मनाए जाने वाले इस दिवस पर चिकित्सकों एवं छात्रों ने उन्हें विशेष सम्मान दिया और उनके योगदान को नमन किया।
रंगोली प्रतियोगिता में साक्षी मिश्रा, मानवी दास, अमीषा गांधी और शेफाली स्वरूप की टीम विजेता रही, जिन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
इस मौके पर कॉलेज के सचिव डॉ. प्रवीण श्रीनिवास ने दांतों और मुख की जांच के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि दांत हमारे शरीर का अमूल्य अंग है, जो चेहरे की सुंदरता बनाए रखने और भोजन करने में सहायक होता है। उन्होंने मरीजों को जांच को लेकर व्याप्त भ्रांतियों से बचने की सलाह दी।
ओरल पैथोलॉजी विभाग के एचओडी सह उप प्राचार्य डॉ. अंकूर भार्गव ने बताया कि डॉ. एच.एम. ढोलकिया भारत के पहले ओरल पैथोलॉजिस्ट थे, जिन्होंने देश में ओरल पैथोलॉजी में पहला एम.डी.एस. कोर्स शुरू किया था।
कार्यक्रम में कॉलेज के प्राचार्य डॉ. के श्रीकृष्ण, ओरल पैथोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ. अंकूर भार्गव सहित कई वरिष्ठ चिकित्सक एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।