झारखंड में हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा, सांसद मनीष जायसवाल ने केंद्र सरकार से की कार्रवाई की मांग


नई दिल्ली/हजारीबाग: लोकसभा के बजट सत्र 2025 के दौरान हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के सांसद मनीष जायसवाल ने झारखंड राज्य में हिंदू समाज पर हो रहे अत्याचार के मुद्दे को जोरदार तरीके से सदन में उठाया। उन्होंने सदन के माध्यम से रामगढ़, हजारीबाग और बड़कागांव में हाल ही में हुई घटनाओं को विस्तार से रखते हुए केंद्र सरकार से इस पर हस्तक्षेप की मांग की।

सांसद मनीष जायसवाल ने कहा कि झारखंड में हिंदू समाज पर लगातार हमले हो रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार इन मामलों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है। उन्होंने हाल ही में सरस्वती पूजा विसर्जन जुलूस के दौरान रामगढ़ जिले के सोसो कला गांव में महिलाओं और बच्चों पर किए गए पथराव का जिक्र करते हुए कहा कि इस हमले में एक बच्ची गंभीर रूप से घायल हुई, लेकिन दोषियों पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई। उल्टा पुलिस ने हिंदू समाज के खिलाफ ही काउंटर केस दर्ज कर दिया।

सांसद ने 2022 में हजारीबाग जिले के बरही में रूपेश पांडेय की हत्या का मामला भी उठाया और इसे सांप्रदायिक हिंसा का ज्वलंत उदाहरण बताया। साथ ही उन्होंने बड़कागांव के महुदी गांव में रामनवमी जुलूस निकालने की अनुमति न देने के मुद्दे को भी सदन में उठाया। उन्होंने कहा कि यह भारत गणराज्य की सड़कें हैं और हर नागरिक को अपने धार्मिक अनुष्ठानों को स्वतंत्र रूप से संपन्न करने का अधिकार है।

जब लोकसभा अध्यक्ष ने उनसे उनकी मांग स्पष्ट करने को कहा, तो सांसद मनीष जायसवाल ने कहा कि केंद्र सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और झारखंड में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही उन्होंने महुदी में रामनवमी जुलूस को शांतिपूर्वक संपन्न कराने की मांग भी रखी।

गौरतलब है कि बीते रविवार को ही सांसद मनीष जायसवाल रामगढ़ जिले के गोला प्रखंड स्थित सोसो कला गांव पहुंचे थे, जहां उन्होंने सरस्वती पूजा विसर्जन जुलूस के दौरान घायल हुए पीड़ितों से मुलाकात की। उन्होंने वहां के प्रशासनिक अधिकारियों को 15 दिनों के भीतर दोषियों पर कार्रवाई करने का अल्टीमेटम दिया और चेतावनी दी कि यदि समय पर कार्रवाई नहीं हुई तो वे उग्र जनांदोलन करने को मजबूर होंगे।

सांसद मनीष जायसवाल ने झारखंड सरकार पर हिंदू विरोधी नीति अपनाने और वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बहुसंख्यक हिंदू समाज आज अपने पर्व-त्योहार भी स्वतंत्र रूप से नहीं मना पा रहा है, जो कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है।