प्रयागराज: मौनी अमावस्या के अवसर पर संगम तट पर हुए शाही स्नान के दौरान भारी भीड़ के चलते भगदड़ मच गई, जिसमें कुछ श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। यह जानकारी सूत्रों से प्राप्त हुई है, और अधिकारियों से अधिक सटीक जानकारी की प्रतीक्षा की जा रही है।
कैसे हुई भगदड़?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, संगम नोज पर अचानक श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ गई, जिससे अफरातफरी मच गई। कई श्रद्धालु जो नीचे बैठे थे, वे भीड़ के दबाव में आ गए, और भगदड़ शुरू हो गई।
राहत और बचाव कार्य जारी
मौके पर प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किया। 40 से अधिक एंबुलेंस घायलों को स्वरूप रानी अस्पताल और केंद्रीय अस्पताल लेकर जा रही हैं। पुलिस और बचाव दल हालात को नियंत्रित करने में जुटे हुए हैं।
मेला प्रशासन का बयान
मेला प्रशासन ने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है और श्रद्धालुओं से संयम बनाए रखने की अपील की गई है। प्रशासन के अनुसार, भीड़ को मैनेज करने के लिए सुरक्षा बलों को तैनात किया गया था, लेकिन अचानक बढ़ी भीड़ के कारण यह हादसा हुआ।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़
मौनी अमावस्या के अवसर पर संगम में आस्था की डुबकी लगाने के लिए करीब 8-10 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना जताई गई थी। इतनी बड़ी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष सुरक्षा बलों को तैनात किया गया था, लेकिन व्यवस्था पूरी तरह सफल नहीं हो सकी।
शाही स्नान पर असर
भगदड़ की घटना के बाद सभी 13 अखाड़ों ने कुछ समय के लिए अमृत स्नान रोकने का निर्णय लिया। हालांकि, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा कि प्रशासन से बातचीत जारी है और सभी अखाड़े जल्द ही स्नान करेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन से पूरी रिपोर्ट मांगी है और घायलों को हर संभव मदद देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को भीड़ प्रबंधन को और बेहतर करने के लिए निर्देश दिए हैं।
फिलहाल, मेला क्षेत्र में सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन को लेकर सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। प्रशासन श्रद्धालुओं से संयम बनाए रखने की अपील कर रहा है।